Sunday 24 June 2012

दिल यूँना कभी उदास होता....

दिल यूँना कभी उदास होता !
जो कोई अपना हमारे पास होता !!
यूँ तो हमने साथ दिया अक्सर अपनों का !
पर काश किसी को हमारी तन्हाई का एहसास होता !!

Friday 8 June 2012

आज कुछ कमी है तेरे बगैर

ना रंग है ना रोशनी है तेरे बगैर
वक्त अपनी रफ्तार से चल रहा है
बस धड़कन सी थमी है तेरे बगैर।

दूरी हो तो एहसास होता है
दोस्त के बिना जीवन कितना उदास होता है
उम्र हो आपकी सितारों जितनी लंबी
ऐसा दोस्त कहां किसी के पास होता है……

&विक्रम मीणा&

हिन्दी शायरी

मेरे पेज के यहां क्लिक करें!
बिन देखे तेरी तस्‍वीर बना सकते हैं
बिन मिले तेरा हाल बना सकते है
हमारे प्‍यार में इतना दम है की
तेरे आसूं अपनी ऑख से गिर सकते हैं

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

उन्‍हें ये शिकवा हमसे के
हम उन्‍हें याद करते ही नहीं
पर कम्‍बख्‍त उन्‍हे ये कौन समझाये की
हम उन्‍हें याद कैसे करें जिन्‍हे हम भूलते ही नहीं

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

अहसास बहुत होगा जब छोड के जायेगें
रायेगें बहुत अगर आसूं नहीं आयेगें
जब साथ ना दे कोई तो आवाज हते देना
आसमां पर भी होगें तो लोट के आयेगें

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

आपकों प्‍यार करने से डर लगता है
आपकों खोने से डर लगता है
कहीं आखों से गुम ना हो जाये याद
अब रात में सोने से डर लगता है

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

यूं तो आपको रोज याद कर लिया करते है
मन ही मन में देख लिया करते है
क्‍या हुआ अगर आप पास नहीं है
हम तो दलि में मूलाकात कर लिया करते हैं

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

याद में तेरी आखं भरता है कोई
सांस के साथ तुझे याद करता है कोई
मौत सच्‍चाई है इक रोज सबको आनी है
तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कहे कि तुमसे प्‍यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का
हम अकेले तो गुनहगार नहीं

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

इतना ना चाहों की भूला ना सके
इतना ना पास आओं की दूर ना जा सकों
तन्‍हाई में बैठकर ये सोचते है हम
कि ना चाहों उसकी जीसे पा ना सको
 ******************************************************

Search